- संविधान सभा की तीसरी बैठक 13 December 1946 को जवाहर लाल नेहरु ने ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ प्रस्तुत किया | यह प्रस्ताव 22 January 1947 को सविधान सभा ने स्वीकार कर लिया गया | इसी को Preamble कहा जाता है |
- इसे “भारतीय संविधान की आत्मा” भी कहा जाता है।
- प्रस्तावना (Preamble in Hindi) संविधान का अभिन्न अंग है और इसलिए इसमें संशोधन किया जा सकता है।
- Preamble (प्रस्तावना) USA से Inspired है |
NA पालखीवाला ने Preamble को संविधान का ID Card बोला है
KM मुंशी जी ने Preamble को संविधान का कुंडली बोला है
KM मुंशी जी एक Minor (Business Advisiory Committee) का Head थे, मुंशी जी Drafting Committee का Member थे | वह Drafting Committee (मौशोदा समिति) प्रारूप समिति जो 29 August 1947 को बनती है जिसके Chairman भीमराव आंबेडकर थे , जिसमे 7 member थे ये सब मिल कर ही संविधान का Draft तैयार किया था |
Preamble of Indian Constitution In Hindi


संविधान के अवयव (Ingrediants):
- भारत संविधान का अधिकार स्त्रोत- भारत के लोग
- संविधान की प्रकृति – सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य
- उद्देश्य – न्याय, स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा
- लागु होने की तिथि- 26 नवंबर 1949
संप्रभुता (Sovereign): समस्त निर्णय लेने की स्वतंत्रता / क्षमता
कोई बाहरी / आंतरिक दबाव को मानाने के लिए बाध्य नहीं |
समाजवादी (Socialist): लोकतांत्रिक समाजवाद (मिश्रित अर्थव्यवस्था)
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था : पूंजीपतियों का अधिकार (Private)
समाजवादी अर्थव्यवस्था : सरकार का अधिकार
पंथनिरपेक्ष (Secular) : भारत का कोई राजकीय धर्म नहीं है |
लोकतांत्रिक (Democractic) :
प्रत्यक्ष – लोग सीधे कानून बनाने में भाग लेते है, जैसे- स्विट्ज़रलैंड
अप्रत्यक्ष- लोग सीधे भाग नहीं लेते, जैसे- भारत
गणराज्य (Republic): राज्याध्यक्ष का जनता के द्वारा प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचन, जैसे- भारत, USA
न्याय (Justice): सामाजिक (Social), आर्थिक (Economic), और राजनैतिक (Political)
स्वतंत्रता (Liberty):
विचार (Thought), अभिव्यक्ति (Expression), विश्वास (Belief), धर्म (Faith), उपासना (Worship) की स्वतंत्रता , खुद को पूरी तरह से विकसित करने का अवसर
समानता (Equality):
प्रतिष्ठा (Status) , अवसर (Opportunity) – किसी को विशेष अधिकार प्राप्त नही है |